एक तरह से जनहित याचिका को भारत की आम प्रजा के हितों को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया था जो अभी तक जारी हैं।
यदि आपको लगता हैं कि किसी मामले में जनता का हित छिपा हुआ हैं या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ हैं तो उसके लिए आप न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर सकते हैं।
यदि न्यायालय को लगता हैं कि आपको जनहित याचिका सुनने लायक हैं तो वह इसे स्वीकार कर लेती हैं अन्यथा इसे निरस्त भी किया जा सकता हैं।
अब यदि जनहित याचिका के अंग्रेजी नाम की बात की जाए तो उसे पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन कहा जाता हैं जिसे अंग्रेजी भाषा में Public Interest Litigation कहा जाएगा।
वैसे ज्यादातर इसकी शोर्ट फॉर्म ही प्रचलन में हैं और हर जगह वही इस्तेमाल की जाती हैं। तो जनहित याचिका की अंग्रेजी में शोर्ट फॉर्म PIL या पीआईएल होती हैं।
ऐसे में यदि किसी के द्वारा कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जा रही हैं तो उसे शोर्ट फॉर्म में PIL भी कह देते हैं।
अब यदि आप जनहित याचिका दाखिल करने का सोच रहे हैं तो इसकी भी एक सीमा होती हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह आप भारत की सभी तरह की कोर्ट में नही लगा सकते हैं बल्कि कोर्ट ने इसके अधिकार क्षेत्र को सीमित कर रखा हैं।
आप जिला न्यायालय या अन्य निचली न्यायालय में जनहित याचिका को नही दायर कर सकते हैं। ऐसे में यदि आपको जनहित याचिका दायर करनी ही हैं तो या तो आप उच्च न्यायालय या फिर सर्वोच्च न्यायालय में ही इसे दायर कर सकते हैं।
जनहित याचिका क्या होती है? अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे?