मित्रों, सबसे पहले जान लेते हैं कि पेसा एक्ट क्या है? पेसा (PESA) की फुल फॉर्म है-Panchayat’s provisions (extension to scheduled areas) act। इसे हिंदी में पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) कानून भी पुकारा जाता है।
इस एक्ट को आज से करीब 26 वर्ष पूर्व 24 दिसंबर, सन् 1996 में कुछ अपवादों (exemptions) एवं संशोधनों (amendments) के साथ संविधान (constitution) के भाग 9 के प्रावधानों (provisions) को अनुसूचित क्षेत्रों (sheduled areas) तक विस्तारित करने के लिए अधिनियमित किया गया था।
आपको जानकारी दे दें दोस्तों कि यह एक्ट किसी ग्राम सभा (gram sabha) को अनुसूचित जनजाति इलाकों sheduled में प्राकृतिक संसाधनों के संबंध में निर्णय लेने की विशेष शक्ति देता है।
मूल रूप से यह एक्ट अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए पारंपरिक ग्राम सभाओं के माध्यम से स्वशासन सुनिश्चित करने हेतु बनाया गया कानून हैं।
आइए, दोस्तों अब उन कारणों/उद्देश्यों के बारे में जान लेते हैं, जो पेसा एक्ट लाए जाने के पीछे मुख्य कारण बनकर उभरे। यह तो आपको भी ज्ञात होगा कि सालों से आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार एवं अन्याय के कारण उनके भीतर लगातार असंतोष की भावना बढ़ रही थी।
इसे देखते हुए सरकार पर भी उनके हित में कुछ इस प्रकार के कदम उठाए जाने का दबाव बन रहा था, जिससे इनसे जुड़े मुद्दों पर इनकी बात मुख्य हो सके।
आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जनजातियों के स्व शासन के अधिकारों का स्पष्टीकरण करना, जिनका उल्लंघन अथवा जिनमें हस्तक्षेप करने की ताकत राज्यों के पास भी न हो।
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