यदि हम चंद्रग्रहण क्या होता है? (What is lunar eclipse?) इस सवाल का जवाब तलाशते हैं तो हमारे सामने चंद्रग्रहण लगने के दो पहलू सामने आते हैं।

एक है चंद्रग्रहण लगने का वैज्ञानिक कारण (scientific reason) एवं दूसरा धार्मिक मान्यता (religious belief)। आइए, सबसे पहले बात विज्ञान से जुड़े पहलू की करते हैं।

हम सभी ने अपने बचपन से विज्ञान की किताबों में पढ़ा है ही पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है। यानी उसके चारों तरफ घूमती है। इसी प्रकार चंद्रमा हमारी पृथ्वी का चक्कर लगाता है।

दोस्तों, इस प्रक्रिया में एक समय ऐसा आता है, जब चांद, पृथ्वी एवं सूरज तीनों एक ही सीध में आ जाते हैं। ऐसे में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर तो पड़ता है, किंतु चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता।

इस खगोलीय घटना को विज्ञान की भाषा में चंद्र ग्रहण कहा जाता है। अब चंद्र ग्रहण के पीछे की धार्मिक एवं पौराणिक मान्यताओं पर बात कर लेते हैं।

सभी दानव मोहिनी की बातों में आ गए, किंतु सर्वभानु नामक एक दैत्य मोहिनी की चाल को समझ गया। वह चुपचाप देवताओं के बीच जाकर बैठ गया। चंद्रमा एवं सूर्य ने उसे ऐसा करते देख लिया।

मोहिनी सर्वभानु को अमृतपान करा रही थी कि तभी चंद्रमा एवं सूर्य ने मोहिनी को उस दैत्य के बारे में बता दिया। इस पर मोहिनी का रूप धरे विष्‍णु क्रोधित हो अपने वास्‍तविक रूप में आ गए।

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