सरकार द्वारा किसानों और कृषि से संबंधित 2 अध्यादेशों को राज्य सभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है।
अब केवल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मुहर लगने की देर है, जिसके बाद यह बिल कानून बन जाएगा।
कृषि क्षेत्रो को, एक परिस्थितिक तंत्र के निर्माण का प्रावधान किया गया है।
जिसका अर्थ है किसान और व्यापारी किसी भी राज्य तथा क्षेत्रों में जाकर फसलों की खरीद बिक्री कर सकते हैं।
उन्हें अब केवल राज्य सरकार द्वारा संचालित मंडियों या राज्य की सीमाओं में रहकर ही अपने फसल को बेचना जरूरी नहीं है।
वे अपनी इच्छा अनुसार कहीं भी अपने फसलों का लेन-देन आसानी पूर्वक कर सकते हैं।
इस बिल में खेती से संबंधित समझौते पर राष्ट्रीय ढांचे के लिए एक प्रावधान है।
जो किसानों को कृषि व्यापार, फर्मो, निर्यातकों तथा विक्रेताओं के साथ पहले ही समझौते कर लेने होते हैं। इसके लिए फसल की गुणवत्ता और पैदावार मैं कितनी खर्च लगेगी सब की जानकारी पहले ही किसान और व्यापारी के बीच तय हो जाती है।
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