हर व्यक्ति के जीवन मे कई सारी ऐसी घटनाएं हो जाती है जिसकी बजह से आप जाने अनजाने में किसी अपराध हो जाता है।

कई बार तो ऐसा भी होता है कि व्यक्ति बिना कोई जुर्म किये हुये भी गलतफैमि की बजह से कानून जी नजरो में दोषी हो जाता है।

और कभी कभी तो ऐसा भी होता है कि व्यक्ति को किसी रंजिश या दुश्मनी की बजह से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को झूठे केस में फसा देता है।

किसी भी केस में किसी व्यक्ति का नाम आने पर पुलिस द्वारा उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता हैं।

इसमें कभी कभी बिना कोइ जुर्म किये हुये भी व्यक्ति सिर्फ आपसी रंजिश के कारण बहुत से परेशानी को झेलता है।

जब कोई व्यक्ति किसी अपराध या गैर अपराध पुलिस द्वारा कारागार में बंद किया जाता है। तो ऐसे व्यक्ति को कारागार से छुड़ाने के लिये न्यायालय में जो संपत्ति जमा की जाती है। 

न्यायालय में जमानत जमा करने पर न्यायालय इस बात सर निश्चित हो जाता है कि आरोपी व्यक्ति सुनवाई के लिये आवश्य आयगा।

यदि आरोपी व्यक्ति सुनवाई के लिये नही आता तो बेल के लिये जमा की गई संपत्ति जप्त कर ली जायगे।

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