वेंटिलेटर एक ऐसी डॉक्टरी मशीन होती है जिसके तहत व्यक्ति के फेफड़ों (Ventilator kya chij hoti hai) तक ऑक्सीजन की सप्लाई को सुनिश्चित करने का काम किया जाता है।

इसमें उस व्यक्ति की श्वास नली में एक पाइप को पहुँचाया जाता है जिसके तहत वह सांस ले पाता है।

हालाँकि इसमें वह व्यक्ति सांस को प्राकृतिक तरीके से नहीं ले रहा होता है बल्कि उसे पाइप के माध्यम से सांस को पहुँचाया जाता है।

वेंटिलेटर मशीन को इस तरीके से बनाया जाता है कि उसमे एक ऑक्सीजन सिलेंडर को जोड़ा जाता है। इसे हम ऑक्सीजन टैंक भी कह सकते हैं।

अब इस ऑक्सीजन टैंक को उस वेंटिलेटर मशीन से जोड़ दिया जाता है और उसमे से एक पाइप को निकाला जाता है।

जिस भी व्यक्ति को प्राकृतिक तरीके से सांस नहीं आ रही है या उसमे रूकावट हो रही है तो उसे तुरंत वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया जाता है।

अब उस वेंटिलेटर मशीन के साथ जो ऑक्सीजन की पाइप जुड़ी हुई होती है उसे व्यक्ति के मुहं, नाक या गले के माध्यम से उसकी श्वास नली में जोड़ा जाता है।

यह पाइप उस श्वास नली में सीधे तौर पर ऑक्सीजन की सप्लाई को सुनिश्चित करती है जिस वजह से वह ऑक्सीजन उसके फेफड़ों तक पहुँचती है।

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