भारत ने बार-बार यह सिद्ध किया है कि भारत दुनिया के कुछ सबसे रचनात्मक दिमागों का उद्गम स्थल है। भारतीयों ने दुनिया की कुछ सबसे सफल व्यवसायों और कंपनियों का नेतृत्व किया है।

आईटी गीक्स से सिलिकॉन वैली में अपना नाम प्रसिद्ध करने वाले (Top Indian CEOs in the world in Hindi) टाइकून तक में भारतीय हैं जो दुनिया के कुछ सबसे सफल ग्रुप का नेतृत्व करते हैं।

जब किसी मल्टीनेशनल कंपनी में भारतीय मूल के सीईओ की बात आती है, तो सुंदर पिचाई का नाम उनमे सबसे पहले सामने आता है। सुंदर पिचाई, जिन्हें पिचाई सुंदरराजन के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म तमिलनाडु, भारत में हुआ था।

वह आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र हैं, जहां से उन्होंने मेटललुर्गिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उन्होंने अपना एम.एस. स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया, जहां उन्हें सीबेल स्कॉलर और पामर स्कॉलर का नाम दिया गया।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मैटेरियल्स इंजीनियर के रूप में की थी और बाद में 2004 में गूगल में मनेजमेंट एग्जीक्यूटिव के रूप में शामिल हुए और 10 अगस्त 2015 को उन्हें कंपनी का सीईओ बना दिया गया।

पिचाई 2004 में गूगल में शामिल हुए और गूगल सहित गूगल के कई क्लाइंट सॉफ़्टवेयर प्रोडक्ट्स का मनेजमेंट भी संभाला। जैसे के क्रोम, क्रोम ओएस और गूगल ड्राइव।

24 अक्टूबर 2015 में गूगल फर्म की नई होल्डिंग कंपनी अल्फाबेट की स्थापना के बाद उन्होंने अपनी एक नई भूमिका शुरू की। 2017 में उन्हें अल्फाबेट बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के लिए चुना गया। 2016 और 2023 में पिचाई को टाइमस की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में नामित किया गया ।

दिसंबर 2019 में, पिचाई को लैरी पेज के स्थान पर अल्फाबेट के सीईओ के रूप में चुना गया। पिचाई को भारत सरकार द्वारा 2023 में देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान “पद्म भूषण” से सम्मानित किया गया।

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