रिजर्व बैंक के द्वारा समय समय पर जरूरत के हिसाब से रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव (Repo and reverse repo rate current in Hindi) किया जाता है।
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट बैंकिग क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण शब्द है। इन दोनों का महत्त्व इस बात से जाना जा सकता है
हमारे द्वारा लिए जाने वाले ऋण पर लगने वाला ब्याज इन दोनों रेट्स से पूरी तरह प्रभावित होता है।
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट रिजर्व बैंक और अन्य बैंको के बीच लिए जाने वाले ऋण पर लगने वाला (Repo and reverse repo rate meaning in Hindi) ब्याज होता है।
आसान शब्दों में समझा जाए तो रेपो ब्याज की वह दर होती है, जिस दर पर भारत का केन्द्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अन्य वाणिज्यक बैंको को ऋण उपलब्ध करवाता है।
इसके ठीक विपरित रिवर्स रेपो दर ब्याज की वह दर है, जिस दर पर वाणिज्यक बैंक अपने पास रखे अतिरिक्त धन को भारतीय रिजर्व बैंक के पास जमा करवाता है।
रेपो दर और रिवर्स रेपो दर के बारे में जानने से पहले इनसे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के बारे में जान लिया जाए, तो इनको समझने में आसानी होगी।
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