जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि NPCI एक तरह से देश की कैशलेस अर्थव्यवस्था हैं। यह एक ऐसा सिस्टम हैं जहाँ पर देश का सारा कैश डिजिटल रूप में काम करता हैं।
आज से कुछ वर्षों पहले तक जब कंप्यूटर या इंटरनेट नही हुआ करता था तब पैसों का लेनदेन केवल और केवल कैश के रूप में ही हुआ करता था।
अब वह चाहे नोट हो या सिक्के (NPCI kya h in Hindi) लेकिन होता था कैश के रूप में ही। आपको चाहे कुछ भी खरीदना हो या बेचना हो या कोई सेवा लेनी हो या देनी हो, हर चीज़ में कैश का ही योगदान होता था।
यदि NPCI की फुल फॉर्म की बात की जाए तो वह होगी नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया जिसे अंग्रेजी भाषा में कुछ इस तरह से National Payments Corporation of India लिखा जाएगा।
अब यदि NPCI के इतिहास की बात की जाए या फिर यह जाना जाए कि इसकी शुरुआत कैसे हुई थी या इसकी शुरुआत में किसका योगदान था तो आज हम आपको बता दे कि भारत देश में NPCI की शुरुआत वर्ष 2008 में की गयी थी।
अब हम यह जानेंगे कि आखिरकार यह NPCI कैसे काम करता है और इसकी प्रक्रिया क्या है। तो इसके लिए आपको संपूर्ण प्रक्रिया समझनी होगी कि क्या चीज़ कैसे काम करती हैं और कैसे नही।
एनपीसीआई एक पेमेंट गेटवे है और भारत में काम करने वाले सभी पेमेंट आधारित सुविधाएँ इसके अंतर्गत ही काम करती है।
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