महिला सशक्तिकरण के लिए महाराष्ट्र सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। महाराष्ट्र कन्या वन समृद्धि योजना एक इसी प्रकार की योजना है, जिससे महाराष्ट्र की सरकार महिला सशक्तिकरण के साथ ही पर्यावरण की रक्षा का मकसद भी साध रही है।

आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसी महाराष्ट्र कन्या वन समृद्धि योजना (Kanya Van Samruddhi Yojana) के बारे में आपको जानकारी देंगे। जैसे कि यह योजना क्या है? इस योजना का उद्देश्य क्या है? इस योजना के लिए आवेदन किस प्रकार से किया जा सकता है? आदि।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 27 जून 2018 को आयोजित महाराष्ट्र राज्य कैबिनेट (cabinet) की बैठक में कन्या वन समृद्धि योजना को मंजूरी दी है।

इस योजना के तहत, राज्य सरकार किसानों के परिवार में कन्या के जन्म लेने पर वन विभाग के जरिए 10 पौधे निशुल्क देगी। माना जा रहा है कि इस योजना से प्रति वर्ष राज्य के विभिन्न जिलों में। लगभग 2 लाख किसानों के परिवारों को फायदा होगा।

इस योजना का उद्देश्य जहां परिवार के लिए पेड़ों के माध्यम से आय सुनिश्चित करना है, वहीं यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इन नए लगाए गए पेड़ों की आय का उपयोग लड़कियों के भविष्य की रक्षा के लिए हो सके। दूसरे शब्दों में कहें तो इस योजना का एक अहम मकसद जहां महिला सशक्तिकरण है, वहीं राज्य के पर्यावरण की रक्षा करना भी है।

आपको बता दें कि इस योजना के अंतर्गत राज्य में शुरुआती वर्ष 2018 में 2,177 बच्चियों के जन्म के बाद 21,770 पौधे लगाए गए।

पुणे इस मामले में सबसे आगे रहा। वहां शुरुआती साल में 971 बच्चियों के जन्म के बाद सबसे अधिक 9,710 पौधे वितरित किए गए। इसके बाद नागपुर रहा, जहां 674 बच्चियों के जन्म के बाद 6,740 पौधों का वितरण किया गया। महाराष्ट्र के अमरावती जिले में 438 बच्चियों के जन्म के बाद 4,380 पौधे रोपे गए।

इस योजना का एक बड़ा लाभ यह भी है कि बेटी की शादी के समय किसान परिवारों को किसी तरह की आर्थिक दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता। बहुत से परिवार ऐसे भी होते हैं कि जो छोटी जोत की खेती करते हैं। और बहुत देख संभाल कर खर्च चलाते हैं। इस योजना से ऐसे किसान परिवारों की खास तौर पर सहायता होगी।

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