गुड फ्राइडे को मुख्य तौर पर ईसाई धर्म को मानने वाले ही मनाते हैं। इस दिन सभी गिरिजाघरो में स्पेशल प्रार्थना सभाएं आयोजित करवाई जाती है और ईसा मसीह की पूजा की जाती है।
यह हर वर्ष अप्रैल के महीने में ही आयोजित करवाया जाता है जो शुक्रवार के दिन ही पड़ता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह पर्व अप्रैल महीने के शुक्रवार के दिन ही पड़ता है।
इस दिन की मान्यता यह है की इस दिन ईसाई धर्म के ईश्वर के संदेश वाहक ईसा मसीह को यरूशलम के राजाओं और पादरियों के द्वारा सूली पर चढ़ा दिया गया था।
इससे पहले उन्हें तरह तरह की यातनाएं दी गयी थी और इन्हीं यातनाओं को सहते (Good friday kya hai) हुए ही उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए थे।
इस पर हॉलीवुड में कई फिल्में व सीरीज भी बन चुकी है जिसमे इसके बारे में बताया गया है।
गुड फ्राइडे के त्यौहार के पीछे ईसाई धर्म के सबसे बड़े महापुरुष व ईसाइयों के संदेश वाहक ईसा मसीह की कहानी जुड़ी हुई है।
कहने का अर्थ यह हुआ (Good friday ka itihas) कि इसी दिन उनको सूली पर चढ़ा दिया गया था जिसकी मूर्ति हम हर गिरिजाघर में देखते हैं।
दरअसल ईसाई धर्म के लोगों का कहना है कि जिस दिन ईसामसीह को सूली पर चढ़ाया गया था और उन्होंने अपने प्राण त्यागे थे, उसके ठीक तीन दिन बाद वे फिर से जीवित हो उठे थे और लोगों को संदेश दिया था।
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