प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) के बारे में तो आपने खूब पढ़ा होगा। उसमें आपकी स्किन लेकर आपके किसी अंग को तराशा जाता है। कई बार इस तकनीक से चेहरा भी बदल दिया जाता है।

लेकिन यदि बात मृत व्यक्ति की करें तो वहां फेशियल रिकंस्ट्रक्शन (facial reconstruction) यानी चेहरा पुनर्निर्माण की फोरेंसिक तकनीक काम आती है।

यह पुलिस के लिए सुबूत जुटाने में अहम साबित होती है। यह तकनीक क्या है? इस तकनीक में चेहरे का निर्माण किस प्रकार कया जाता है? इन दिनों यह तकनीक चर्चा में क्यों है?

दोस्तों, फेशियल रिकंस्ट्रक्शन (facial reconstruction) को को हिंदी में चेहरा पुनर्निमाण तकनीक भी पुकारा जाता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, यह चेहरे को फिर से बनाने की प्रक्रिया है।

फेशियल रिकंस्ट्रक्शन इसलिए किया जाता है ताकि डेड बॉडी यानी शव की पहचान स्थापित की जा सके। शव की पहचान के पश्चात ही पुलिसिया कार्रवाई आगे बढ़ती है।

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि इससे पूर्व यह कार्य 2D (2 dimensions) यानी द्वि आयामी तकनीक से किया जाता था। इस तकनीक में मृत्यु पूर्व की तस्वीरों एवं खोपड़ी की संरचना का इस्तेमाल किया जाता था।

इससे शव की पहचान स्थापित की जाती थी। मित्रों, आपको बता दें कि फेशियल रिकंस्ट्रक्शन तकनीक के इस्तेमाल से पुलिस ने कई अहम केस सॉल्व किए हैं।

चेहरा पुनर्निर्माण फोरेंसिक तकनीक क्या है, कैसे काम करती है?अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए क्लिक करे?