इस लेख में हम आपके साथ डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बारे में ही विस्तार से चर्चा करने वाले हैं। आइए जाने कि आखिरकर यह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता क्या है।

जिस पत्र या कागज के टुकड़े को किसी संस्था, कंपनी जो कि अधिकृत है या फिर सरकार के द्वारा मान्यता दी जाए उसे ही डॉक्यूमेंट कहा जाता है।

यह डॉक्यूमेंट कुछ भी हो सकता है फिर चाहे वह कानून के द्वारा दिया गया कोई प्रमाण पत्र हो भारत या राज्य सरकार के द्वारा दिया गया कोई पहचान पत्र या आपकी कंपनी, कॉलेज, स्कूल इत्यादि के द्वारा दिया गया कोई अन्य पत्र इत्यादि।

किंतु इस डॉक्यूमेंट को उनके द्वारा प्रमाणित किया हुआ होना चाहिए और वह इसका पूरा उत्तरदायित्व भी लेते हो। तो उसे ही डॉक्यूमेंट कहा जा सकता है अन्यथा वह केवल कागज का एक टुकड़ा बन कर ही रह जाएगा।

दि इन दोनों शब्दों को जोड़ दिया जाए तो उसका अर्थ होता है किसी डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन किया जाना अर्थात किसी कागजात की जांच पड़ताल होना। अभी भी यदि आप भ्रम की स्थिति में हैं तो हम आपको एक उदाहरण से समझा देते हैं।

अब सरकार के पास कई छात्र इन तीन तरह के डॉक्यूमेंट को लेकर पहुँच जाएंगे। तो आपको क्या लगता है कि सरकार बस इन डॉक्यूमेंट को देखते ही आपको लैपटॉप का वितरण कर देगी!!

यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो जरा ठहरिये क्योंकि यह काम इतनी आसानी से नही होता है। सरकार को आप यह डॉक्यूमेंट तो दे देंगे लेकिन क्या पता आपने यह डॉक्यूमेंट जाली तरीके से बनवाया हो।

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