सबसे पहले तो आप यह जान लें कि यह जाति प्रमाण पत्र होता क्या है और इसका क्या इस्तेमाल किया जा सकता है।
भारत देश में ज्यादातर संख्या हिंदुओं की है और हिंदू में कई जातियों को मानने वाले लोग रहते (Caste certificate ke bare me jankari) हैं।
अब उन जाति में भी कई तरह की उपजाति होती है। जैसे कि वैश्य समुदाय में कोई बंसल गोत्र से है तो कोई मित्तल है तो कोई कांसल है तो कोई और।
अब मुख्य तौर पर चार जातियां या वर्ण निर्धारित किये गए हैं जो है ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शुद्र। इसमें जो प्रथम तीन वर्ण है उन्हें आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलता है
और ना ही उन्हें आरक्षित श्रेणी में रखा जाता है। तो अब अंतिम वर्ण जो बच गया है वह है शुद्र जिसे आज हम ओबीसी, एससी, एसटी, दलित, आदिवादी, पिछड़ा वर्ग इत्यादि कितने ही नामों से जानते हैं।
तो इन्ही जातियों को ही आरक्षण या सरकार की ओर से मिलने वाली तरह तरह की सुख सुविधाओं का लाभ दिया जाता है।
किंतु अब यह सरकार या कोई संस्था किस तरह से यह पक्का करेगी कि फलाना व्यक्ति आरक्षित वर्ग से है भी या नहीं।
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