बेसिस पॉइंट्स शब्द में बेसिस दो ब्याज की दरों के आधारिक बदलाव या दूसरे शब्दों में ब्याज की दरों के प्रसार से आया है।

इसी तरह पॉइंट्स शब्द का इस्तेमाल इसीलिए किया जाता है, क्योंकि ब्याज की दरों में आने वाला बदलाव बहुत कम होता है

दूसरे शब्दों में प्वाइंट के बराबर होता है। इस प्रकार से ब्याज या अन्य वित्तीय दरों में आने वाले छोटे छोटे बदलाव को बताने के उद्देश्य से ही बेसिस पॉइंट्स (What is meaning of basis point in Hindi) को लाया गया, जो कि प्रतिशत का ही एक अंश है।

बेसिस पॉइंट्स मुख्य रूप से वित्त के साधनों से जुड़े ब्याज के रेट में होने वाले बदलाव को मापने के लिए इस्तेमाल होने वाली इकाई है। एक बेसिस पॉइंट्स की वैल्यू 1% का 1/100 होती है।

इसका मतलब एक बेसिस पॉइंट्स की वैल्यू 0.01% होती है। एक बेसिस पॉइंट्स को दशमलव में किसी संख्या का 0.0001 हिस्सा कहा जा सकता है।

एक बेसिस प्वाइंट 0.01% के बराबर होता है। वहीं 100 बेसिस पॉइंट्स 1% के बराबर होते हैं। उदाहरण के तौर पर जब किसी बॉन्ड का ब्याज 1% बदल जाता है तो उसे 100 बेसिस पॉइंट्स का बदलाव कहा जाता है।

बेसिस पॉइंट्स को संक्षिप्त में बीपी (Bp), बीपीएस (Bps) और बिप्स (Bips) भी कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर जब किसी लोन के ब्याज की दर में .50% की बढ़ोतरी देखी जाए, तो उसे कहा जायेगा कि लोन के ब्याज में 50 बिप्स का इजाफा आया है।

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